बहोत से लोग interest rate कम होने की आशा लगाए बैठे थे। बहोत आर्थिक विशेषज्ञों ने भारत में ब्याज दरों में कटौती का अनुमान लगा लिया था। परन्तु हाली में Bloomeberg TV को दिए इंटरव्यू में RBI Governor Shaktikanta Das ने इन् बातों को ख़ारिज कर दिया। उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा की अभी RBI ऐसे कोनसा भी निर्णय लेने के लिए विचार नहीं कर रहा।
क्या कहा RBI Governor Shaktikanta Das ने अपने Bloomberg Interview में?
RBI Governor Shaktikanta Das ने कहा कि जब तक Inflation Rate यानि मुद्रास्फीति 4% के लक्ष्य के आसपास स्थिर न हो जाये तब तक केंद्रीय बैंक इस विषय पर विचार भी नहीं करेगा। साथ ही में नीति निर्माताओ ने इस विषय पर अब तक चर्चा भी नहीं की है।
Bloomberg Television के Haslinda Amin से बात करते हुए उन्होंने ये भी कहा की मूल्य वृद्धि (Price Gains) भले ही काम हो गए हो परन्तु जब तक Inflation यानि मुद्रास्फीति उस स्तर पर sustain करते हुए नहीं दिखती तब तक कटौती के बारे में बात करना भी जल्दबाजी हो सकती है।
अब तक लगातार पांच policy meetings हुई पर इसमें Reserve Bank of India ने अपने ब्याज दरों में कोई भी सुधर नहीं लाया। Reserve Bank of India का कहना था की Inflation अपेक्षा से ज्यादा होने की वजह से उन्हें ये कठोर बने रहना पद रहा है। बहोत अर्थशास्त्रीयो का अनुमान था की Federal Reserve द्वारा ब्याज दरों में कम करने के बाद केंद्रीय बैंक भी इस साल ब्याज दरों में कटौती करना शुरू कर देगा। हालांकि ऐसे करने के Shaktikanta Das यानि Reserve Bank of India के कोई इरादे नहीं है।
खाद्य पदार्थों के अस्थिर कीमतों के कारन भारत में दिसंबर में Inflation यानि मुद्रास्फीति चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई थी। हाल ही में core measure slid चार वर्षो में पहली बार 4% से भी निचे आ गया था इससे कई लोगो उम्मीदें बढ़ गयी थी की इससे ब्याज दरों में कटौती होगी।
Shaktikanta Das से फेड दर में कटौती के बारे में पूछे जाने पर कहा कि बाजार सभी जगह केंद्रीय बैंकों से आगे चल रहे हैं और ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में दर में कटौती domestic factors पर निर्भर करेगी, और दोहराया कि आरबीआई की नीति सक्रिय रूप से dis-inflationary है।
अंत में गवर्नर Shaktikanta Das ने कहा, आरबीआई का लक्ष्य headline inflation है, जो हमारे लक्ष्य सीमा 2% से 6% के भीतर आ गई है। लेकिन हमारा लक्ष्य 4% है, हम लगातार उस ओर बढ़ रहे हैं।
Shaktikanta Das ने बुधवार को एक भाषण में की गई टिप्पणियों को दोहराते हुए कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में आर्थिक वृद्धि 7% तक पहुंच जाएगी, जबकि मुद्रास्फीति औसतन 4.5% के आसपास रहेगी। उन्होंने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था लगातार चार वर्षों तक लगभग 7% या उससे अधिक की वृद्धि दर्ज करने की राह पर आ जाएगी।
क्या था American Investment Bank Firm Goldman Sachs का कहना?
अमेरिकी इंवेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs ने जनवरी 2024 के दूसरे हफ्ते में अनुमान लगाया था की रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया अपने ब्याज दरों में कटौती करेगी। परन्तु अभी Shaktikanta Das के बयान अनुसार ये भी ख़ारिज हुआ है। इस अमेरिकी इंवेस्टमेंट बैंक कहना था की भारतीय रिज़र्व बैंक 2024 की तीसरी तिमाही यानि जुलाई से लेके सितंबर के बिच में ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत कर सकती है जबकि इसी फर्म ने पहले चौथी तिमाही में ब्याज दरों के कटौती का अनुमान लगाया था। अब ये सब आने वाला समय ही बतायेगा।
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