भारत के मशहूर उर्दू शायर नहीं रहे। जानिए Munawwar Rana जी के बारे में।

भारत के मशहूर उर्दू शायर Munawwar Rana जी ने रविवार 14 जनवरी को रात 11 बजे लखनऊ में अपनी आखरी सास ली। उनका 71 साल में MSPGI हस्पताल, लखनऊ में उनका निधन हुआ।

वे पिछले दो सालो से किडनी के बीमारी से परेशानी में थे, और इसी किडनी के परिशानी के वजह से Munawwar Rana जी को डायलिसिस भी चल रही थी, इसी कारन से उनको लखनऊ के PGI हस्पताल में भर्ती किया गया। इसके साथ उनको फेफड़ो की गंभीर बीमारी के वजह से उनको शनिवार को वेंटीलेटर पर रखा गया था।

उनको दिल्ली में AIIMS में शिफ्ट किया गया और उधर डॉ. नारायण प्रसाद जी ने बताया कि उनको किडनी बीमारी थी। उसी के कारन उनकी 14 जनवरी 2024 को रात 11 बजे लखनऊ के PGI हस्पताल में निधन हुआ। उनकी बेटी सुमय्या राणा ने PTI को बताया की उनका निधन हुआ है, तब उनके घर कोलकत्ता में काफी लोगो की भीड़ जमा हुई।

Munawwar Rana History

Munawwar Rana जी का जन्म 26 नवम्बर 1952 में उत्तर प्रदेश के रायबरेली गांव में हुआ, पर बादमे उन्होंने अपनी शिक्षा पश्चिम बंगाल कोलकत्ता राज्य में की, और उधर ही स्थलांतरित हो गए थे। वो पुरे भारत अपने उर्दू शायरी के लिए प्रसिद्ध थे, उन्होंने माँ पर बहुत शायरी लिखी थी, और उनकी माँ के उप्पर शायरी से वो जाने माने शायरो में गिने जाते है।

उनके परिवार में पत्नी, 4 बेटिया और 1 बेटा है, उन्हें 2012 में शहिद शोध संस्थान के द्वारा माटी रतन पुरस्कार से सन्मानित किया गया था।

Munawwar Rana Shayari

उनको 2014 में कविता बादशाह को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला इसके अलावा कवीता कबीर सन्मान, अमीर खुसरो अवार्ड से भी नवाजा गया।उनके माँ, घर अकेला हो गया, सब के लिए, पीपल छाँव, नीम के फूल, बदन सराय ये सब शायरी भी शामिल है।

Munawwar Rana जी उर्दू के प्रसिद्ध शायर थे परन्तु उन्होंने अपनी कविता में हिंदी शब्दों में इस्तमाल ज्यादा किया था जिनके कारन उन्हें भारतीय लोगो से भी काफी प्रसिद्धि मिली। उनके ज्यादा कविता में माँ के लिए प्रेम दिख जाता था।

Munawwar Rana जी की बेटी सोमैया राना ने को बताया कि सोमवार 15 जनवरी को उनकी वसीयत के मुताबिक लखनऊ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

Munawwar Rana Controversy

Munawwar Rana जी बहोत बार अपने कुछ फैसलों की वजह से सुर्खियों में रहे। उसी में से एक 2015 में दादरी में जो की नोएडा में है उधर हुए मॉब लिंचिंग की वजह से अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस कर दिया था। साथ ही में उन्हें 2014 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार ने उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी का अध्यक्ष घोषित किया था परन्तु अकादमी पर भ्रष्टाचार के आरोप करते हुए उन्होंने अपने इस्तीफा सरकार को सौंफ दिया था।

Akhilesh Yadav on Munawwar Rana

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “देश के प्रसिद्ध शायर मुनव्वर राणा का निधन अत्यंत हृदय विदारक है। दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करता हूं। भावपूर्ण श्रद्धांजलि।”

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